क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग, विशेषकर फ्यूचर्स ट्रेडिंग, में कई महत्वपूर्ण टर्म्स होते हैं। इनमें से एक है funding रेट। यह एक ऐसा टूल है जो हमें बताता है कि बाजार में कब ज्यादा लोग लॉन्ग पोजीशंस (खरीदने के लिए) खोल रहे हैं और कब शॉर्ट पोजीशंस (बेचने के लिए)। इस लेख में हम फंडिंग रेट के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, इसके प्रभाव को समझेंगे और देखेंगे कि कैसे इसका इस्तेमाल करके हम मार्केट के मूवमेंट्स का अंदाजा लगा सकते हैं।

फंडिंग रेट क्या है?

फंडिंग रेट एक तरह की फीस होती है, जो लॉन्ग और शॉर्ट पोजीशंस के बीच होती है। यह फीस हर कुछ घंटों में अदला-बदली होती है और इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि मार्केट में संतुलन बना रहे।

पॉजिटिव फंडिंग रेट

जब फंडिंग रेट पॉजिटिव होती है, इसका मतलब यह है कि अधिक लोग लॉन्ग पोजीशंस खोल रहे हैं। इसका असर यह होता है कि लॉन्ग पोजीशंस शॉर्ट पोजीशंस को फीस देते हैं। यह स्थिति अक्सर तब होती है जब बाजार तेजी से ऊपर की ओर बढ़ रहा होता है। ऐसे में, हमें यह समझना चाहिए कि जब अधिक लोग लॉन्ग खोल रहे हैं, तो बाजार में गिरावट आने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसका मतलब यह है कि जब लोग खरीदने की होड़ में होते हैं, तो बाजार अचानक गिर सकता है।

नेगेटिव फंडिंग रेट

इसके विपरीत, जब फंडिंग रेट नेगेटिव होती है, तो इसका अर्थ है कि अधिक लोग शॉर्ट पोजीशंस खोल रहे हैं। इस स्थिति में, शॉर्ट पोजीशंस लॉन्ग पोजीशंस को फीस देते हैं। यह आमतौर पर तब होता है जब बाजार में गिरावट की उम्मीद होती है। जब अधिक लोग शॉर्ट करने के लिए निकल पड़ते हैं, तो मार्केट में अचानक ऊपर जाने की संभावना होती है।

मार्केट की स्थिति कैसे जानें?

फंडिंग रेट को ट्रैक करने के लिए कई वेबसाइट्स और टूल्स उपलब्ध हैं, जैसे CoinGlass। यहां आपको ओपन इंटरेस्ट, लिक्विडेशन और फंडिंग रेट का डेटा मिल जाता है। इन जानकारियों के जरिए आप समझ सकते हैं कि मार्केट में लॉन्ग या शॉर्ट पोजीशंस का दबाव कितना है।

चार्ट्स का उपयोग

चार्ट्स का उपयोग फंडिंग रेट को समझने का एक बेहतरीन तरीका है। जब आप चार्ट्स में फंडिंग रेट का विश्लेषण करते हैं, तो आप देख सकते हैं कि कब यह पॉजिटिव या नेगेटिव है। इससे आपको यह अंदाजा लगाने में मदद मिलेगी कि मार्केट की दिशा क्या हो सकती है।

फंडिंग रेट का प्रभाव

फंडिंग रेट न केवल ट्रेडर्स के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूरे मार्केट के लिए एक संकेतक का काम करता है। उदाहरण के लिए, अगर फंडिंग रेट अचानक बढ़ती है, तो यह संकेत हो सकता है कि अधिक लोग लॉन्ग पोजीशंस खोल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, बाजार में गिरावट की संभावना बढ़ जाती है। इसी तरह, यदि फंडिंग रेट में गिरावट आती है, तो यह संकेत हो सकता है कि शॉर्ट पोजीशंस की संख्या बढ़ रही है, जिससे बाजार में तेजी आ सकती है।

मानसिकता का प्रभाव

बाजार में निवेशकों की मानसिकता भी फंडिंग रेट को प्रभावित कर सकती है। जब लोग तेजी से खरीदारी करने लगते हैं, तो यह न केवल फंडिंग रेट को प्रभावित करता है, बल्कि बाजार की धारणा को भी बदल देता है। इसलिए, ट्रेडर्स को फंडिंग रेट के साथ-साथ बाजार की भावना को भी ध्यान में रखना चाहिए।

निष्कर्ष

फंडिंग रेट मार्केट में संभावित मूवमेंट को समझने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यदि आप इसे सही तरीके से समझते हैं और अपने ट्रेडिंग के निर्णयों में इसका उपयोग करते हैं, तो आप संभावित बाजार के मूवमेंट्स का सही अंदाजा लगा सकते हैं।

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